है कुछ-कुछ सत्य और इतना कि ये घटना पुरानी
है
जो कहना चाहें तो कह लें, ये यौवन की नादानी है
बसा रक्खी थी आंखों में सुघर तस्वीर एक
लेकिन
ह्रदय का टूटना भी, जिंदगी की एक कहानी है ।
खुशी में चूर थे, जीवन में रस की धार बहती थी
उसी के ख्याल में हर दिन, हमारी शाम ढलती थी
बसाए ख्वाब नैनों में, ह्रदय में
हसरतें ढेरों
जो मिलते थे बुलाने पर, तमन्नाएं
मचलती थीं ।
नजर की नूर थी, हर पल निगाहों में बसा करती
हमारा पक्ष लेकर के, जमाने से लडा करती
तो फिर कैसे यकीं करते नहीं, हम उसकी
बातों पे
रहेगा साथ जीवन भर, हमेशा ही कहा करती ।
न जाने क्या हुआ सहसा, कि वह मुंह
मोड के बैठी
हमारे मिलने-जुलने की, वो आदत छोड
के बैठी
हमारी जिंदगी को छोड कर, सुनसान राहों
पर
बिना बोले बहुत कुछ यार, रिश्ता तोड
के बैठी ।
कहा मजबूरियां हैं कुछ, मैं अब संग
चल नहीं सकती
तुम्हारी भावनाओं की लहर में, बह नहीं सकती
जो कहना चाहो तुम कह लो मुझे, या बेवफा
समझो
तुम्हारे साथ बंधन में, नहीं मैं बंध
नहीं सकती ।
ह्रदय पर चोट थी गहरी, संभलना हो
गया मुश्किल
मेरे हिस्से में तन्हाई, उसे था मिल
चुका साहिल
समय का चक्र तो चलता रहा, रफतार में
अपनी
मेरी यादों में, सांसों में, रहा वो हर पहर शामिल ।
मुहब्बत क्यों हुई रूसवा, अलग वो एक
कहानी है
खुले मंचों से गाकर के, नहीं मुझको
सुनानी है
सुनेंगे लोग तो कोसेंगे, उसकी बेवफाई
को
मुझे उस बेवफा की, बेवफाई भी छुपानी है ।
रहा अब कुछ नहीं बाकी, खतम अब वो कहानी है
महज यह गीत ही बाकी बचा उसकी निशानी है ।
महज यह गीत ही बाकी बचा उसकी निशानी है ।
बदल डाले हैं दिल के भाव, जो प्रतिकूल थे उसके
है मदिरा अब नई, केवल बची बोतल पुरानी है ।
... Devkant Pandey
है मदिरा अब नई, केवल बची बोतल पुरानी है ।
... Devkant Pandey
बहुत अच्छी रचना. भाव, भाषा और शब्द संयोजन... बहुत उम्दा. बधाई.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद शबनम जी
हटाएंबदला हुआ है आज मेरे आँसुओं का रंग,
जवाब देंहटाएंलगता है दिल के जख्मों का कोई टाँका उखड़ गया.
बहुत खूब
हटाएंयही तो जिंदगानी है
जवाब देंहटाएंयही तो प्रीत पुरानी है
वो दूर रहे तो भी पास रहे
रीत ये तुमको निभानी है
प्रीत में कब कोई दूर है
प्रीत में कब कोई मजबूर है
ख्वाबों के आसमाँ में झांक कर देखो
चमक रहा वो तेरा नूर है !
धन्यवाद सोलंकी जी
हटाएंnice lines sir........keep going...:)
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सौरव जी
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