मेरी अनुमति के बिना इस ब्‍लाग की किसी भी सामग्री का किसी भी रूप में उपयोग करना मना है । ........ देव कान्‍त पाण्‍डेय

शनिवार, 27 अप्रैल 2013

रहनुमाओं...


वक्‍त है कुछ कर दिखाओ 

हौसला दिल में जगाओ 
देश शर्मिंदा बहुत है 
रहनुमाओं जाग जाओ । 



लुट रही सडकों पे अस्‍मत 
बेटियां दिखती हैं बेबस 
करने को उनको सुरक्षित 
मन में कुछ सुविचार लाओ ।



देश शर्मिंदा बहुत है 
रहनुमाओं जाग जाओ । 

क्‍या नहीं गैरत बची है ?
हाथों में मेंहदी रची है ?
गर नहीं उपचार है कुछ 
छोड दो पद, भाग जाओ । 

देश शर्मिंदा बहुत है 
रहनुमाओं जाग जाओ ।
           .... देव कान्‍त पाण्‍डेय

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