बैंक ऑफ इंडिया के विभिन्न अंचलों में राजभाषा कार्यान्वयन संबंधी प्रगति की समीक्षा एवं इस विषय में मार्गदर्शन हेतु प्रधान कार्यालय के अनुदेशों के अनुसार आंचलिक कार्यालय, भोपाल द्वारा अपने समस्त अंचलों के राजभाषा अधिकारियों की एक समीक्षा बैठक का आयोजन दिनांक 11-12 जून को बैंक ऑफ इंडिया के स्टाफ प्रशिक्षण महाविद्यालय, अरेरा हिल्स, जेलरोड, भोपाल में किया गया । इस कार्यक्रम का उदघाटन दिनांक 11.06.2010 को बैंक के कार्यपालक निदेशक श्री एम. नरेंद्र की अध्यक्षता में किया गया । कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुई । श्री कैलाशचंद्र पंत, मंत्री संचालक, मध्य प्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, भोपाल इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे । इस अवसर पर प्रधान कार्यालय के महाप्रबंधक श्री नवीन चंद्र खुल्बै भी उपस्थित थे । मुख्य अतिथि श्री पंत का स्वागत बैंक के कार्यपालक निदेशक श्री एम नरेंद्र ने पुष्प गुच्छ से किया । इस अवसर पर बैंक ऑफ इंडिया राजभाषा शील्ड प्रतियोगिता वर्ष 2009 के पुरस्कार भी वितरित किए गए ।इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्य अतिथि श्री कैलाशचंद्र पंत, मंत्री संचालक, मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, भोपाल ने कहा कि हमें देश के विकास के साथ जुडने की जरूरत है और देश की जड में राजभाषा हिंदी के मदद से ही पहुंचा जा सकेता है । उन्होंने यह भी कहा कि देश में शासक और जनता के बीच एक भाषायी अंतराल सा आ गया है और आज शासक वर्ग की भाषा आम जनता नहीं समझ पाती न ही जनता की भाषा शासक वर्ग ही समझ पाता है । यही कारण है कि विकास की धारा जन-जन तक नहीं पहुंच पाती है । उन्होंने भाषा के अंतराल को दूर करने का आह्वान किया और कहा कि भाषा से आत्मीय प्रेम की जरूरत है और हम संवैधानिक बाध्यता के लिहाज से नहीं बल्कि देश के प्रति अपने कर्तव्य का पालन करते हुए राजभाषा हिंदी का प्रयोग करें ।इस अवसर पर बैंक के कार्यपालक निदेशक श्री एम. नरेन्द्र ने राजभाषा अधिकारियों को अपने लक्ष्य के प्रति सचेत रहने के लिए कहा और सफल राजभाषा कार्यान्वयन के लिए प्रभावी रणनीति अपनाने पर जोर दिया और कहा कि राजभाषा अधिकारियों को वित्तीय समावेशन में अपना सक्रिय योगदान देने की आवश्यकता है ।बैंक के महाप्रबंधक श्री नवीन चन्द्र खुल्बै ने बैंक के सर्वांगीण विकास के लिए राजभाषा अधिकारियों को सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया । स्थानीय प्रधान कार्यालय, भोपाल के महाप्रबंधक श्री मिहिर देव शर्मा ने बैंकिंग का अधिकतम कार्य हिंदी में करने की सलाह दी। बैंक के भोपाल अंचल के आंचलिक प्रबंधक श्री प्रेम कुमार ने कहा कि आज के प्रतियोगिता एवं चुनौती के युग में हिंदी के माध्यम से ही ग्राहकों तक पहुंचना होगा। राजभाषा अधिकारियों की पहुंच सूचना एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से शाखाओं तक होनी जरूरी है ।इस अवसर पर प्रधान कार्यालय राजभाषा विभाग के मुख्य प्रबंधक श्री राजकुमार चौहान ने बैठक के उददेश्य की जानकारी दी तथा राजभाषा अधिकारियों से अपेक्षाओं को स्पष्ट किया । उदघाटन कार्यक्रम का संचालन भोपाल अंचल के प्रंबधक (राजभाषा) श्री देव कान्त पाण्डेय ने किया तथा आभार प्रदर्शन प्रधान कार्यालय के वरिष्ठ प्रबंधक (राजभाषा) श्री धीरेन्द्र सिंह ने किया।उदघाटन सत्र के बाद पूरे दिन विभिन्न अंचलों में राजभाषा कार्यान्वयन संबंधी प्रगति की समीक्षा की गई एवं इस विषय में आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान किया गया ।दिनांक 12 जून, 2010 को व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें डा. बी. एन. पाण्डेय, उप निदेशक, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग, क्षे.का.का., भोपाल, श्री पुष्पेंद्र पाल सिंह, विभागाघ्यक्ष, पत्रकारिता विभाग, माखन लाल चतुर्वेदी रा. पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल एवं बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ प्रशिक्षण महाविद्यालय, भोपाल के संकाय सदस्यं श्री ललित नारंग तथा अनुसंधान अधिकारी, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग, क्षे.का.का., भोपाल श्री हरीश सिंह चौहान एवं श्री उदय प्रताप सिंह, मुख्य प्रबंधक, बैंक ऑफ इंडिया, आंचलिक कार्यालय, भोपाल ने राजभाषा संबंधी विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिए । उसी दिन सायं काल बैठक का समापन भी किया गया ।यह दो दिवसीय समीक्षा बैठक भोपाल अंचल के प्रंबधक (राजभाषा) श्री देव कान्त पाण्डेय के कुशल समन्वयन तथा स्टाफ प्रशिक्षण महाविद्यालय,भोपाल के प्रशंसनीय सहयोग से अत्यंत सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई।
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