देवलधाम
है मदिरा अब नई, केवल बची बोतल पुरानी है..
मेरी अनुमति के बिना इस ब्लाग की किसी भी सामग्री का किसी भी रूप में उपयोग करना मना है । ........ देव कान्त पाण्डेय
बुधवार, 29 मई 2013
पत्रिका भोजपुरी पंचायत में प्रकाशित कविता "ह्रदय का टूटना भी...."
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें