मेरी अनुमति के बिना इस ब्‍लाग की किसी भी सामग्री का किसी भी रूप में उपयोग करना मना है । ........ देव कान्‍त पाण्‍डेय

बुधवार, 19 जून 2013

क्‍या खबर थी ...

कौन जाने कब कहॉं क्‍या हादसा हो जाएगा
दिल में बसने वालों से भी फासला हो जाएगा 

मत करो तारीफ खुल्‍ले में किसी अधीनस्‍थ की 
बॉस गर "हल्‍का" हुआ, उससे खफा हो जाएगा ।

दिल के मंदिर में बसा के पूजा जिसको रात-दिन
क्‍या खबर थी एक दिन वो बेवफा हो जाएगा । 
हम और तुम एक वस्‍तु हैं बस रहबरों के वास्‍ते  
काम है तो सुध लिया फिर लापता हो जाएगा । 
कब मिली आखिर सियासत में गरीबों को जमीं 
हक वो मांगें ...... ऐसा कैसे हौसला हो जाएगा ।
मसलहत, चालें, सियासत "देव"  तू भी सीख ले 
जिंदा रहने का यही अब फलसफा हो जाएगा ।   
                                          .... देवकान्‍त पाण्‍डेय

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